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Friday, January 3, 2014

एहसास



हर एक सांस जब है 
उनके पास;
कुछ भी लगता है 
नहीं ख़ास। 
बनके रह गये है 
सिर्फ एक एहसास;
जीने का नहीं है 
एक पल का भी आस। 



Tuesday, December 17, 2013

गुनाह

गुनाह


हम आके ठहरें  हैं आज 
उस मुक़ाम पर;
हँस लिए तो लगता है
कुछ गुनाह करलिए। 
जीते नहीं हम, सिर्फ़ जिंदा हैं;
ऐसा लगता है सांस लेके
सौ गुनाह करलिए। 



Friday, February 1, 2013

आँसूं




आँसूं 




यादें उसकी मिटती नहीं 
 आँसू ये रुखते नहींI 
यादों से रूठ जाऊं 
या इन आंसूओंको रोकू I 
यादें भी उसकी हैं 
आंसू भी उसीने दिए हैं I 
दिल को कैसे समझाऊँ 
अब यही तुम्हारी कहानी है 
यही तुम्हारा अफसाना है।




picture courtesy :
http://www.muddlingalongmummy.com/